क्राइम ब्रांच के मुताबिक, उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में उपद्रवियों ने अनेक लोगों को गोली मारकर उनका शव नाले में फेंक दिया था। ऐसे दस शव निकाले गए हैं। दिल्ली हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच ने 531 एफआईआर दर्ज की हैं। 1647 लोगों से पूछताछ चल रही है। इनमें बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
हत्या के 47 मामलों में बयान दर्ज करने के लिए एसआईटी की टीम रोजाना दर्जनों लोगों से पूछताछ कर रही है। एक इंस्पेक्टर को एक दिन में चालीस से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज करने पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर पांच सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं, मगर किसी भी केस में कुछ ठोस नहीं निकल रहा।
पूछताछ के दौरान लोग बताते हैं कि बहुत से आरोपियों ने अपना चेहरा ढका हुआ था। किसी के चेहरे पर हेलमेट था, तो कोई चेहरे को कपड़े से ढके था। एसआईटी के सामने चुनौती ये है कि उन्हें हत्या के केस में बहुत सी बातें अदालत में साबित करनी होंगी। अगर किसी का नाम सामने आता है तो उसका वह हथियार भी बरामद करना होगा, जिससे गोली चलाई गई।
सबसे बड़ी बात, जिस हथियार से गोली चलाई गई है, उसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलान किया जाएगा। इसके लिए एसएफएल टीम की मदद लेनी होगी। वह जांच कर बताएगी कि फलां बंदूक की गोली से ही इस व्यक्ति की मौत हुई है।
क्राइम ब्रांच ने अनेक इलाकों की सीसीटीवी फुटेज और लोगों के कैमरों में कैद हुए हिंसा के वीडियो भी खंगाले हैं। हालांकि अभी तक 47 मामलों में से एक भी ऐसा केस नहीं है, जिसके सुलझने की गुंजाइश नजर आ रही हो। जल्द ही दिल्ली पुलिस गोली चलाने वालों का सुराग जुटाने के लिए ईनाम का एलान कर सकती है।
हत्या के 47 मामलों में बयान दर्ज करने के लिए एसआईटी की टीम रोजाना दर्जनों लोगों से पूछताछ कर रही है। एक इंस्पेक्टर को एक दिन में चालीस से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज करने पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर पांच सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं, मगर किसी भी केस में कुछ ठोस नहीं निकल रहा।
पूछताछ के दौरान लोग बताते हैं कि बहुत से आरोपियों ने अपना चेहरा ढका हुआ था। किसी के चेहरे पर हेलमेट था, तो कोई चेहरे को कपड़े से ढके था। एसआईटी के सामने चुनौती ये है कि उन्हें हत्या के केस में बहुत सी बातें अदालत में साबित करनी होंगी। अगर किसी का नाम सामने आता है तो उसका वह हथियार भी बरामद करना होगा, जिससे गोली चलाई गई।
सबसे बड़ी बात, जिस हथियार से गोली चलाई गई है, उसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मिलान किया जाएगा। इसके लिए एसएफएल टीम की मदद लेनी होगी। वह जांच कर बताएगी कि फलां बंदूक की गोली से ही इस व्यक्ति की मौत हुई है।
क्राइम ब्रांच ने अनेक इलाकों की सीसीटीवी फुटेज और लोगों के कैमरों में कैद हुए हिंसा के वीडियो भी खंगाले हैं। हालांकि अभी तक 47 मामलों में से एक भी ऐसा केस नहीं है, जिसके सुलझने की गुंजाइश नजर आ रही हो। जल्द ही दिल्ली पुलिस गोली चलाने वालों का सुराग जुटाने के लिए ईनाम का एलान कर सकती है।